Thursday, May 9th, 2024

मिंडोरा मिंडोरी गांव को विवादविहीन बनाएगा एनएलआईयू 

भोपाल 
राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय ने लीगल एड क्लीनिक सेल तैयार कर लोगों को निशुल्क लीगल सुविधा देने की व्यवस्था शुरू कर दी है। एनएलआईयू ने दो गांव मिंडोरा और मिंडोरी गांव को भी गोद लिया है। यहां के छोटे-छोटे बच्चों को एनएलआईयू के स्टूडेंटस पढ़ाने के लिए जा रहे हैं। 

एनएलआईयू ने मिंडोला और मिंडोरी गांव को गोद लिया है। उक्त दोनों गांव को कोर्ट कचहरी से मुक्त कराने के लिए और ग्रामीणों में सदभाव से रहने सीख सीखाने के लिए प्रयास कर रहा है। ग्रामीणों के आपसी झगड़े को खत्म करने के लिए लीगल एड क्लीनिक की स्थापना की है। इसमें अभी तक दोनों गांव से साठ केस पहुंच गए हैं। जहां उन्हें कोर्ट में वकीलों की दलीलों के कोई राशि अदा नहीं करना होगी। उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। यहां तक कोर्ट में लगने वाली स्टांप ड्यूटी, टिकट, टाइपिंग और अन्य स्टेशनरी के अन्य व्यय भी नहीं देना होंगे। इसके लिए एनएलआईयू ने अपनी तरफ से एक फंड भी निर्धारित किया है, जिससे ये राशि निकलती रहेगी। आठ प्रकरणों में परिवारिक विवाद है। इसमें दो विवाद जमीन को लेकर हैं। यहीं नहीं आपराधिक प्रकरणों पर लोगों को एनएलआईयू अपनी तरफ से सुविधाएं देगा। 

पासआउट विद्यार्थी करेंगे मदद 
एनएलआईयू ने लीगल क्लीनिक में आधा दर्जन पास आउट विद्यार्थियों को शामिल किया है। इसमें एडवोकेट कपिल दुग्गल, भविल पांडे, सांतनू सक्सेना, तनमय पांडे,हर्षित पांडे और आदित्य विजय सिंह शामिल है। उन्हें अपनी वेबसाइट पर भी स्थान दिया गया है। इसके साथ उनके मोबाइल नंबर भी दिए गए हैं। जहां से उनसे सीधे संपर्क किया जा सकेगा। 

विद्यार्थियों को मिलेगी बस 
एनएनलआईसू की तरफ से दोनों गांव के लिए हेल्थ चेकअप की सुविधा भी दी गई है। हर माह वहां चैकअप कैम्प लगाया जाएगा। इसमें हर मरीज का इलाज जब तक कराया जागएा। जब वह पूर्ण रूप से स्वथ्य नहीं हो जाता। यहां छोटे-छोट बच्चों को पढ़ाने के लिए एनएलआईयू के करीब 15 विद्यार्थी प्रतिदिन जाते हैं। एनएलआईयू उनके लिए गांव से आने-जाने के लिए एक बस का इंतजाम भी करने वाला है। यहां तक बच्चों के लिए एक कम्प्यूटर लैब में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 

....होगी आय 
लीगल सुविधाएं देने वाले विद्यार्थियों को हरेक प्रकरण के कुछ आय भी होगी। इसके लिए एनएलआईयू प्रस्ताव तैयार कर रहा है। सामान्य काउंसिल की बैठक में उसे मंजूर किया जाएगा। इसके चलते उन्हें दो से पांच हजार रुपए तक दिए जाएंगे। 

मिंडोरा और मिंडोरी गांव को विवादविहीन बनाने के लिए एनएलआईयू की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। 
गिरीबाल सिंह, रजिस्ट्रार, एनएलआईयू

Source : mp education

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